पर्यावरण में बदलाव की 7 कहानियाँ
बदलाव हर कोई चाहता है परन्तु उसे जमीनी स्तर पर लाने के लिए कदम कुछ ही उठाते है।
आज हम ऐसे ही बदलावो की बात करेंगे जो युवा लगातार 7 वर्षो से पर्यावरण मे अपनी पुकार द्वारा लाते आ रहे है।
तो इस विश्व पर्यावरण दिवस पर जानते हैं इन युवाओ के द्वारा लाए गए बदलाव के बारे मे-

प्रकृति के लिए कुछ कर दिखने की यह मुहीम 10 मार्च 2013 को शुरू हुई जब पुकार टीम के सदस्यों ने कॉलोनी के कुछ बच्चों के साथ मिलकर पौधारोपण किया|
टीम ने इस दिन आम का पौधा लगाया जिसका नाम अस्तित्व रखा गया था| बस पर्यावरण को बचाने के लिए तभी से ये युवा प्रत्येक रविवार शहर के पार्कों में सफाई कर पौधारोपण का कार्य कर रहे हैं| पौधारोपण एवं रखरखाव कि इस श्रृंखला को 289 रविवार हो चुके हैं|इसके साथ पुकार की टीम शहरों के बीच मिनी फोरेस्ट उगाने का कार्य भी कर रही है|
बदलाव के शुरुआत की कहानी –
1. जैव-विविधता को बढ़ावा देने के लिए उगाये मियावाकी जंगल-

शहर के बीचों-बीच ऐसा क्षेत्र जहाँ पुर्णतः प्राक्रतिक वातावरण मिले ये कोन नहीं चाहता| लोगों की इसी चाह को उदयपुर शहर में साकार कर रही है पुकार की टीम मियावाकी जंगल लगाकर| जापान के पर्यावरणविद डॉ. अकीरा मियावाकी द्वारा इजात कि गयी जंगल उगाने कि इस विधि के उपयोग से टीम शहर के बीच एसे छोटे-छोटे जंगले उगाने का प्रयास कर रही है|
जंगल उगाने की इस मुहीम कि शुरुवात टीम ने गत वर्ष 26 मई 2019 को अपने 250वें रविवार पर की थी|
क्लिक कर जानिए पुकार के युवाओं द्वारा उगाये गए मिनी फ़ोरेस्ट के बारे में|
2. खेत की उपजाऊ मिट्टी व पर्यावरण मे बदलाव हेतु उगाया जंगल-

टीम के सदस्यों ने अब-तक विभिन्न स्थानों पर इस विधि द्वारा पौधारोपण किया है| टीम द्वारा इस विधि से अब तक 4000 पैतृक पौधों का रोपण किया जा चूका है| जो कुछ ही समय में कई जीवों का घर बन चुके हैं| टीम द्वारा वर्तमान में भी इसी प्रकार के जंगल उगाने के प्रयास जारी हैं जिससे जैव विविधता को बढ़ावा मिले साथ ही हमारे पर्यावरण में भी सुधार हो|
3. सार्वजनिक पार्क F – ब्लॉक में आया बदलाव –

उदयपुर शहर के हिरणमगरी सेक्टर-14 क्षेत्र में स्थित F-ब्लॉक पार्क जो कि वर्ष 2014 में बंजर पड़ा हुआ था| पुकार के युवाओं ने वहाँ लगातार कार्य कर वहाँ की सूरत बदल दी| शुरुवात के समय टीम के सदस्यों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा| परन्तु पर्यावरण को बचाने का जज़्बा उन्हें लगातार हिम्मत देता रहा| यही कारण था कि 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद पार्क बंजर से खुशहाल हो गया| इस बदलाव को देख आस-पास के लोगों में भी जागरूकता आई और वर्तमान समय में तो कॉलोनी के सदस्य ही पार्क की देखभाल करते हैं|
एफ ब्लॉक के पार्क में बदलाव का वीडियो देखें
4. बरकत कॉलोनी पार्क में आया बदलाव –

कहने को शहर का सबसे बड़ा पार्क परन्तु वीरान और कचरे का ढेर बना हुआ था सविना स्थित बरकत कॉलोनी पार्क| जिसमें पुकार के सदस्यों ने अपने कार्यों के 200वें रविवार पर सफाई कर पौधारोपण किया था| तत्पश्चात टीम द्वारा वहां पर लगातार रखरखाव एवं पौधारोपण गतिविधियाँ की गयी| इसी का नतीजा है की एक समय का बंजर बना पार्क आज कई बड़े वृक्षों के साथ अनेक जीवों और चिड़ियाओं का घर बना हुआ है|
बरकत कॉलोनी पार्क के बदलाव की कहानी को पूरा पढे|
5. C – ब्लॉक पार्क में आया बदलाव –

हिरणमगरी सेक्टर-14 स्थित C-ब्लॉक पार्क भी बदलाव की इसी कहानी का एक हिस्सा है| यह पार्क भी एक समय उजड़ा हुआ था| यहाँ पर टीम के सदस्यों ने पौधारोपण कर उनके रखरखाव के लिए श्रमदान किया| साथ ही कॉलोनीवासियों को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया| और कालोनीवासियों के सहयोग से आज यह पार्क हरा-भरा है| ऐसे ही बंजर पड़े पार्कों में टीम ने लगातार कार्य कर वहां की सूरत ही बदल दी है| पुकार के युवाओं ने अब तक उदयपुर शहर के लगभग 22 पब्लिक पार्कों में पौधारोपण किया है| जिनमे अब तरह-तरह के सूक्ष्म जीव एवं चिड़ियाओं को देखा जा सकता है|
6. बांसवाडा के युवा भी दे रहें हैं अपना योगदान –

प्रकृति के संरक्षण की अलख उदयपुर से बांसवाडा पहुची 26 जनवरी 2018 को|
जब बांसवाडा की दो छात्राओं ने पर्यावरण के लिए कुछ करने कि ठानी| उनको साथ मिला बांसवाडा के कुछ युवाओं का तभी से अबतक बांसवाडा ये युवा लगातार पर्यावरण के लिए कार्य कर रहे हैं| टीम के सदस्यों ने बांसवाडा के कई क्षेत्रों में पौधारोपण कर वहां पर जागरूकता फैलाई है|

प्रत्येक रविवार पर्यावरण के लिए कार्य करते हुए टीम ने अबतक 100 से भी अधिक रविवार प्रकृति के लिए समर्पित किये हैं| इन युवाओं के कार्यों से प्रभावित होकर शहर की कई कॉलोनी के लोग पौधारोपण एवं उनके संरक्षण को लेकर जागरूक हुए हैं|
7. युवाओं ने घर पर ही लगा दिया छोटा जंगल

घर के एक कोने मे हमारा अपना जंगल हो जो वायु, हानिकारक कणो व प्रदूषण को कम कर शुद्धता प्रदान करें। यही संकल्प लेकर पुकार के सदस्यों द्वारा शिक्षान्तर संस्थान के साथ मिलकर यह छोटा वन लगाया और आज वह 100 वर्ग मीटर का वन कई पक्षियों का घर है।
पर्यावरण संरक्षण हमारा ध्येय –
हमारा पर्यावरण जो वर्तमान में कई आपदाओं का घर बना हुआ है इसे सुरक्षित करना अतिआवश्यक है| हम सभी को मिलकर इसके लिए प्रयास करने होंगे | पर्यावरण के लिए जागरूकता ही मनुष्य के भविष्य को सुधार सकती है| क्योकि वर्तमान में जो भी हो रहा है उसका परिणाम हम झेल ही रहे हैं, और इसे बदलना भी हमारे हाथ में है| तो आइये इस विश्व पर्यावरण दिवस पर हम मिलकर एक बदलाव की शुरुवात करते हैं| बदलाव एसा जो स्थायी हो जिससे मानवजाति का भविष्य सकारात्मक दिशा में जाए |
__________________________________________________________________________
पुकार से जुड़ने के लिए 7229988335 पर कॉल करें या पुकार वेबसाइट पर सम्पर्क कर सकते है। आप पुकार के सोशल मीडिया फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम से भी जुड़ सकते है |
नोट- यह ब्लॉग पूर्णतयाः जागरूकता हेतु बनाया गया है अतः अगर किसी लेखन, फ़ोटो आदि पर कोई आपत्ति हो तो, हमसे संपर्क करें।
पोस्ट एडिट की गई- भुवनेश ओझा
प्रयासों को अपने मित्रों तक पहुँचाएं-
पोस्ट एडिट की गई- भुवनेश ओझ
Always commendable work you guys have done
You people are doing great job by planting more and more tress. This gonna help us a lot. Hats off to pukar group. Keep it up! 👍🏻